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पिता ने बेटे की पढ़ाई के लिए गलियों में घूम घूमकर बेची साड़ियां, 45वीं रैंक हासिल कर गरीब परिवार का बेटा बना IAS अधिकारी

पिता ने बेटे की पढ़ाई के लिए गलियों में घूम घूमकर बेची साड़ियां, 45वीं रैंक हासिल कर गरीब परिवार का बेटा बना IAS अधिकारी

पिता के संघर्ष, आर्थिक तंगी और मन में कुछ कर गुजरने की चाहत ने बिहार के किशनगंज निवासी अनिल बसाक को अफसर बनने की प्रेरणा दी और गांव गांव कपड़े बेचने वाले पिता के बेटे विनोद बसाक ने यूपीएससी की परीक्षा पास की. पास ही नहीं, 45वीं रैंक भी हासिल की।

अनिल ने बहुत कम उम्र से ही कई परेशानियां देखी थीं। कभी घर में खाने को कुछ नहीं होता तो कभी स्कूल पहुंचना मुश्किल हो जाता। लेकिन अनिल रुकने वालों में से नहीं थे।

कई मुश्किलों का सामना करते हुए अनिल ने खूब मेहनत की और 12वीं पास करने के बाद जेईई की तैयारी में जूट गए। उनकी मेहनत जल्द ही रंग लाई और उन्हें आईआईटी दिल्ली में दाखिला मिल गया।

यूपीएससी परीक्षा बिना कोचिंग पास के : दिल्ली में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग ज्वाइन की। अनिल जब पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में बैठें तो वह फेल हो गए थे. वहीं उन्होंने दूसरे प्रयास में 616 रैंक के साथ परीक्षा पास की थी.

लेकिन वह इससे खुश नहीं थे, इसलिए उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखने का फैसला किया। अब समस्या यह थी कि पढ़ाई पर पहले ही काफी पैसा खर्च हो चुका था, इसलिए महंगी कोचिंग फीस देना मुश्किल हो रहा था।

फिर उन्होंने 2018 के बाद कोचिंग छोड़ दी और अपने दम पर तैयारी शुरू की और इस तरह तैयारी की कि तीसरे प्रयास में न केवल परीक्षा पास की बल्कि 616वीं रैंक से सीधे 45वीं रैंक पर पहुंच गए

और आईएएस ऑफिसर बनने का सपना पूरा कर लिया। दरअसल, अनिल बसाक जैसे लोगों को देखकर लगता है कि प्रयास से ज्यादा मजबूत परिस्थितियां कभी नहीं हो सकतीं। बस मेहनत करते रहना चाहिए और खुद पर पूरा भरोसा रखना चाहिए।

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