Suniel Shetty ने 128 महिलाओं को यौन तस्करी से बचाया, घर वापस जाने के लिए..

Suniel Shetty : सुनील शेट्टी ने 128 नेपाली लड़कियों को जिस्म फरोशी के चंगुल से बचाया इन सारी लड़कियों को उन्हें उनके घर तक वापस पहुंचाया इन लड़कियों के लिए Suniel Shetty असली हीरो बनकर सामने आए।
और अन्ना ने कानो कान किसी को इसकी खबर तक नहीं लगने दी फिल्मों में तो कई बार हीरो को लड़कियों को विलन के चंगुल से छुड़ाते हुए देखा है लेकिन रियल लाइफ में ऐसी कहानियां नहीं बनती ऐसा सिर्फ वो कर सकता है।
जो असल जिंदगी में भी हीरो होता है अन्ना ने 128 लड़कियों की जिंदगी बचाकर यह साबित कर दिया है नेपाल ऐसा देश है जो मानव तस्करी की समस्या के दलदल में कई सालों से फंसा है।
यहां ज्यादातर 15 से 30 साल की लड़कियों की तस्करी की जाती है जिन्हें अलग-अलग देशों में जिस्म फरोशी के बाजार में बेच दिया जाता है मुंबई के रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा डाली और 456 से*क्स वर्कर्स को पकड़ा इन से*क्स वर्कर्स में 128 नेपाल की थी।

जिनकी उम्र 15 से 30 साल के बीच थी यह सब वह महिलाएं थी जो गरीब घर की थी और इन्हें पैसे कमाने का लालच दे कर मुंबई लाया गया और दलालों के हाथों बेच दिया गया रेड लाइट एरिया में जब इन्हें पकड़ा गया।
तो भारत सरकार ने नेपाल सरकार से इन्हें वापस लेने को कहा मगर कागजात ना होने की वजह से उन्हें वापस लेने से मना कर दिया गया नेपाल सरकार के इस इंकार से इन महिलाओं की स्थिति ऐसी हो गई कि ना वह भारत में रह सकती और ना ही नेपाल जा सकती।
यह बात जब सुनील शेट्टी को पता चली तो उन्होंने तुरंत मदद का हाथ आगे बढ़ाया अन्ना ने कहा कि वह हर हाल में इनकी मदद करेंगे अन्ना सामने आए और उन्होंने सभी महिलाओं का दर्द बांटा अन्ना ने इसके बाद एक दो नहीं बल्कि पूरी 128 महिलाओं की फ्लाइट की टिकट बुक कराई।
Suniel Shetty ने 128 महिलाओं को बचाया
और फिर उन्हें उनके देश नेपाल भेजा उनके रहने खाने पीने और फ्लाइट का खर्च खुद सुनील शेट्टी ने उठाया यह बात सुनील शेट्टी ने कानो कान किसी को पता नहीं चलने दी लेकिन हाल ही में एक विदेशी मीडिया ने नेपाल में से*क्स वर्कर्स की लाइव पर एक डॉक्यूमेंट्री शूट की जिसमें छूटी हुई।

महिलाओं ने बताया कि वह सुनील शेट्टी की वजह से बच पा वरना पता नहीं उनका क्या होता सुनील शेट्टी ने यह काम 1996 में किया और तब से अभी तक उन्होंने किसी को इस बारे में नहीं बताया।
वरना आजकल के हीरो तो भिखारी को एक केला भी देते हैं तो इसका गुणगान कर देते हैं अन्ना ने साबित कर दिया कि वह सिर्फ फिल्मों के हीरो नहीं बल्कि रियल लाइफ के भी हीरो हैं।
1996 में क्या हुआ?
5 फरवरी 1996 को मुंबई पुलिस ने कमाठीपुरा रेड लाइट एरिया में छापा मारा और 14 से 30 वर्ष की 456 महिलाओं को यौन हिंसा से बचाया। 456 बचाई गई महिलाओं में से 128 नेपाल से थीं। नेपाल सरकार ने भी इनमें से अधिकांश महिलाओं को वापस लेने से इनकार कर दिया क्योंकि उन्हें नागरिकता का सबूत नहीं था।

जैसे ही शेट्टी को पता चला, उन्होंने स्थिति को अपने हाथों में लिया, उड़ान की व्यवस्था करने में मदद की और सभी 128 महिलाओं को सुरक्षित घर पहुंचने के लिए टिकट का भुगतान किया।
Suniel Shetty ने इस ऑपरेशन को मुंबई पुलिस और उनकी सास विपुला कादरी, जो ‘सेव द चिल्ड्रन’ संस्थापक हैं, को श्रेय देते हैं। 128 महिलाओं की वापसी की व्यवस्था करने का पूरा श्रेय लेने से भी इनकार कर दिया, क्योंकि इससे माफिया मामले में शामिल महिलाओं को खतरा हो सकता था।
‘हमने वास्तव में फ्लाइट टिकटों की कीमत के बारे में नहीं सोचा था,’ उन्होंने बॉलीवुड हंगामा से कहा। कीमत इतनी महत्वपूर्ण नहीं थी जितनी महत्वपूर्ण थी। प्रयत्न ही मूल्यवान था। सेव द चिल्ड्रन एनजीओ, जो मेरी सास ने शुरू किया था, आज भी चल रहा है।
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