Ayodhya Ram Mandir : प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने शुरू किया 11 दिन का अनुष्ठान, कहा-मैं भावुक हूं, जीवन में पहली बार…
Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिन का उपवास करेंगे। यह उपवास 14 जनवरी से शुरू होगा और 24 जनवरी तक चलेगा। मोदी ने इस उपवास की घोषणा शुक्रवार को की। मोदी ने कहा कि वह रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के लिए प्रार्थना करने के लिए यह उपवास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह उपवास उनके लिए एक व्यक्तिगत प्रतिबद्धता है।
मोदी ने कहा कि यह उपवास सभी हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा अवसर है जब हम सभी मिलकर भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर सकते हैं।
PM Modi ने 11 दिनों के अनुष्ठान को किया आरंभ
मोदी ने कहा कि वह इस उपवास के दौरान केवल फल और दूध का सेवन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह इस दौरान भगवान राम की पूजा-अर्चना करेंगे और उनसे प्रार्थना करेंगे कि वह देश को खुशहाल और समृद्ध बनाएं।
मोदी के इस उपवास की घोषणा से देशभर के हिंदुओं में खुशी की लहर है। लोग मोदी के इस उपवास को रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के लिए एक शुभ संकेत मान रहे हैं।
अयोध्या में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिन का उपवास शुरू करेंगे। यह उपवास आज, 12 जनवरी, 2024 से शुरू होगा और 23 जनवरी तक चलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी के उपवास की घोषणा उन्होंने स्वयं अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर की। उन्होंने लिखा, “रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के अवसर पर, मैं 11 दिन का उपवास करूंगा। यह उपवास मेरी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान राम की कृपा से यह आयोजन सफल हो और देश में शांति और समृद्धि कायम हो।”
प्रधानमंत्री मोदी के उपवास की घोषणा से देशभर में उत्साह का माहौल है। लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी का यह उपवास रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के लिए शुभ होगा।
प्रधानमंत्री मोदी के उपवास के दौरान, वह केवल दूध, फल और फलियां ही खाएंगे। वह पूरे दिन रामचरितमानस का पाठ करेंगे और प्रार्थना करेंगे। रामलला की प्राणप्रतिष्ठा 24 जनवरी, 2024 को होगी। इस दिन, रामलला की मूर्तियों को अयोध्या में राम मंदिर में स्थापित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी के उपवास को लेकर सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के उपवास की सराहना की है। एक यूजर ने लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी का यह उपवास देशवासियों के लिए प्रेरणा है। यह दिखाता है कि वह कितने धर्मभीरू और देशभक्त हैं।”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी के उपवास से रामलला की प्राणप्रतिष्ठा और भी शुभ होगी। मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान राम की कृपा से देश में शांति और समृद्धि कायम हो।”
Ayodhya Ram Mandir प्रधानमंत्री मोदी के उपवास का महत्व
मोदी के इस उपवास का कई स्तरों पर महत्व है। सबसे पहले, यह एक राजनीतिक संदेश है। मोदी इस उपवास के माध्यम से हिंदू समुदाय के साथ अपनी एकजुटता का संदेश दे रहे हैं। दूसरे, यह एक धार्मिक संदेश है। मोदी इस उपवास के माध्यम से भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं। तीसरे, यह एक सामाजिक संदेश है। मोदी इस उपवास के माध्यम से शांति और सद्भाव का संदेश दे रहे हैं।
मोदी के उपवास को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि रामलला की प्राणप्रतिष्ठा एक ऐतिहासिक कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम में देशभर से लाखों श्रद्धालु शामिल होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री के उपवास के लिए तैयारियां
प्रधानमंत्री के उपवास के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। प्रधानमंत्री के लिए एक विशेष कक्ष बनाया गया है, जहां वे उपवास करेंगे। इस कक्ष में भगवान राम की तस्वीरें और मूर्तियां रखी गई हैं।
प्रधानमंत्री के उपवास के लिए पवित्र गाय का दूध और फल भी उपलब्ध कराए गए हैं। प्रधानमंत्री इन चीजों का सेवन करेंगे। प्रधानमंत्री के उपवास के दौरान उनकी देखभाल के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। इस टीम में डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं।
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प्रधानमंत्री के उपवास के दौरान देश में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में रामायण पाठ, भजन-कीर्तन और अन्य धार्मिक कार्यक्रम शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री के उपवास के दौरान देश के सभी मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। प्रधानमंत्री के उपवास के दौरान देश में एक विशेष माहौल रहेगा। लोग रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के लिए उत्साहित होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी रामलला की प्राणप्रतिष्ठा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वह इस कार्यक्रम के मुख्य यजमान होंगे। प्रधानमंत्री मोदी के अनुष्ठान और उपस्थिति से इस कार्यक्रम को और भी ऐतिहासिक महत्व मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी के अनुष्ठान से यह भी संकेत मिलता है कि वह देश और धर्म के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण को लेकर गंभीर हैं। प्रधानमंत्री मोदी के अनुष्ठान से देश में शांति और सद्भाव का माहौल बनाने में भी मदद मिलेगी।