Maldives : मालदीव के राष्ट्रपति Mohamed Muizzu चीन गए तो ग्लोबल टाइम्स ने उगला भारत के खिलाफ जहर, कहा- अहंकारी देश..
Maldives : मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने हाल ही में चीन की यात्रा की। इस यात्रा के दौरान उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। मुइज्जू की इस यात्रा को लेकर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित किया है, जिसमें भारत पर तंज कसा गया है।
ग्लोबल टाइम्स ने उगला भारत के खिलाफ जहर
ग्लोबल टाइम्स के लेख में कहा गया है कि मुइज्जू की चीन यात्रा भारत के लिए एक झटका है। लेख में कहा गया है कि मुइज्जू पहले से ही भारत के साथ संबंधों को खराब करने की कोशिश कर रहे थे और उनकी चीन यात्रा इस प्रयास का एक हिस्सा है।
लेख में कहा गया है कि मुइज्जू की चीन यात्रा से भारत को यह साफ हो गया है कि मालदीव अब भारत के साथ सहयोग करने के लिए इच्छुक नहीं है। लेख में कहा गया है कि मालदीव अब चीन के साथ सहयोग करने के इच्छुक है और वह चीन के प्रभाव क्षेत्र में आना चाहता है।
लेख में भारत पर भी तंज कसा गया है। लेख में कहा गया है कि भारत ने मालदीव को अपने प्रभाव क्षेत्र में रखने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। लेख में कहा गया है कि भारत को यह समझना चाहिए कि मालदीव एक स्वतंत्र देश है और वह अपनी नीतियों को खुद तय करने के लिए स्वतंत्र है।
ग्लोबल टाइम्स के इस लेख को लेकर भारत में काफी नाराजगी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस लेख को “असंवेदनशील और अनुचित” बताया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत मालदीव के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू की चीन यात्रा से भारत-चीन के बीच तनाव और बढ़ने की संभावना है। यह भी देखा जाना बाकी है कि चीन मालदीव को अपने प्रभाव क्षेत्र में लाने के लिए क्या कदम उठाएगा। भारत-चीन के बीच तनाव और बढ़ सकता है। मालदीव चीन के प्रभाव क्षेत्र में आ सकता है। मालदीव की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
भारत को मालदीव को चीन के प्रभाव से बचाना होगा। भारत को मालदीव की अर्थव्यवस्था को मदद करनी होगी। भारत को मालदीव के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना होगा।
मुइज्जू के चीन दौरे की कवरेज पर ग्लोबल टाइम्स की टिप्पणी
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की हालिया चीन यात्रा ने भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव को और बढ़ा दिया है। मुइज्जू, जो चीन समर्थक माने जाते हैं, ने अपनी यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
मुइज्जू की चीन यात्रा को भारत ने अपनी ओर से एक चुनौती के रूप में लिया है। भारत का मानना है कि मालदीव चीन के बढ़ते प्रभाव क्षेत्र में आ रहा है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। मुइज्जू की चीन यात्रा के बाद चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित किया, जिसमें भारत पर तंज कसा गया। लेख में कहा गया कि भारत को मालदीव के अपने संबंधों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
लेख में लिखा गया है, “मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू की चीन यात्रा भारत के लिए एक चेतावनी है। यह दर्शाता है कि मालदीव अब भारत के प्रभाव क्षेत्र में नहीं रहना चाहता है। भारत को अपने दृष्टिकोण में बदलाव करना होगा और मालदीव के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने होंगे।”
लेख में यह भी कहा गया है कि भारत को मालदीव को आर्थिक और सुरक्षा सहायता प्रदान करके उसे चीन की बढ़ती दखलंदाजी से बचाने में मदद करनी चाहिए। भारत ने ग्लोबल टाइम्स के लेख की आलोचना की है। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह लेख भ्रामक और तथ्यहीन है।
भारत का कहना है कि मालदीव एक स्वतंत्र देश है और उसके अपने विदेश नीति निर्णय लेने का अधिकार है। भारत मालदीव के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने भी ग्लोबल टाइम्स के लेख की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि यह लेख भारत और मालदीव के संबंधों को खराब करने के लिए लिखा गया है।
मुइज्जू ने कहा है कि मालदीव भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहता है। उन्होंने कहा है कि मालदीव भारत के साथ एक मजबूत और स्थिर संबंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
ग्लोबल टाइम्स की टिप्पणी से स्पष्ट है कि चीन मालदीव में अपने प्रभाव क्षेत्र को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। चीन का मानना है कि मालदीव एक महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थल है और इसके दक्षिण एशिया में अपने प्रभाव को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
ग्लोबल टाइम्स की टिप्पणी में भारत पर भी निशाना साधा गया है। चीन का मानना है कि भारत मालदीव पर एकाधिकार चाहता है और वह मालदीव को अपने प्रभाव क्षेत्र में रखना चाहता है। ग्लोबल टाइम्स की टिप्पणी के बाद भारत और चीन के बीच तनाव और बढ़ सकता है। दोनों देश दक्षिण एशिया में अपने प्रभाव क्षेत्र को बढ़ाने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
भारत और चीन के लिए चुनौती
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू की चीन यात्रा भारत और चीन दोनों के लिए एक चुनौती है। भारत के लिए यह चुनौती है कि वह मालदीव के साथ अपने संबंधों को कैसे मजबूत करे और उसे चीन की बढ़ती दखलंदाजी से कैसे बचाए। चीन के लिए यह चुनौती है कि वह मालदीव में अपने प्रभाव को कैसे बढ़ाए और भारत को क्षेत्रीय स्तर पर चुनौती दे।
यह स्पष्ट है कि भारत और चीन के बीच दक्षिण एशिया में एक संघर्ष की स्थिति बन रही है। दोनों देश क्षेत्र में अपने प्रभाव क्षेत्र को बढ़ाने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। इस प्रतिस्पर्धा से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को खतरा हो सकता है।