Sakshi Malik : रोते रोते दिया बड़ा बयान -‘मैं कुश्ती को त्यागती हूं’, क्या साक्षी का सपना टूट गया?
Sakshi Malik : भारतीय महिला कुश्ती की दिग्गज खिलाड़ी साक्षी मलिक ने 22 दिसंबर, 2023 को अपने अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास का ऐलान किया। उन्होंने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की।
साक्षी मलिक ने 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर भारत को कुश्ती में पहला ओलंपिक पदक दिलाया था। इसके अलावा उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में दो बार रजत पदक और तीन बार कांस्य पदक जीता है।
साक्षी मलिक ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए कहा कि वह पिछले कुछ सालों से चोटों से जूझ रही हैं। उन्होंने कहा कि वह अब इस तरह से अभ्यास नहीं कर पा रही हैं जिससे वह अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।
My thoughts on #SakshiMalik.
The first lesson of sportsmanship is grace – in both victory & defeat. The second lesson of sportsmanship is to never give up.
Sakshi forgot both these lessons.WFI election was WON 40/47.
Other matters are sub judice.
Is it okay to cry, accuse… pic.twitter.com/5nuzUlq9jN— Charu Pragya🇮🇳 (@CharuPragya) December 22, 2023
साक्षी मलिक ने कहा कि वह कुश्ती में अपने करियर से बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी पूरी मेहनत इस खेल में दी है और उन्हें इस बात का गर्व है कि उन्होंने भारत के लिए इतिहास रचा है।
साक्षी मलिक के संन्यास से भारतीय कुश्ती को एक बड़ा नुकसान हुआ है। वह भारतीय कुश्ती की दिग्गज खिलाड़ियों में से एक थीं और उन्होंने भारतीय कुश्ती को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Sakshi Malik के संन्यास का भारतीय कुश्ती पर प्रभाव
भारतीय कुश्ती में एक खालीपन महसूस होगा। साक्षी मलिक एक प्रेरणा थीं और उनके संन्यास से भारतीय कुश्ती में नई पीढ़ी के पहलवानों के लिए प्रेरणा का स्रोत कम हो जाएगा।
भारतीय कुश्ती में प्रतिस्पर्धा कम हो सकती है। साक्षी मलिक एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी थीं और उनके संन्यास से अन्य पहलवानों के लिए पदक जीतना आसान हो सकता है।
भारतीय कुश्ती में नई पीढ़ी के पहलवानों के लिए अवसर बढ़ सकते हैं। साक्षी मलिक के संन्यास से भारतीय कुश्ती में नई पीढ़ी के पहलवानों के लिए अवसर बढ़ सकते हैं। ये पहलवान साक्षी मलिक के पदचिन्हों पर चलते हुए भारतीय कुश्ती को और आगे बढ़ा सकते हैं।
साक्षी मलिक को उनके करियर में मिली सफलता के लिए बधाई। उनके संन्यास के बाद भी उन्हें भारतीय कुश्ती में हमेशा याद रखा जाएगा।
Sakshi Malik का पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार
साक्षी मलिक ने अपने संन्यास के फैसले के बारे में कहा, “मैंने 10 साल तक कुश्ती में अपना सब कुछ दिया है। मैंने अपनी पूरी मेहनत और लगन से देश के लिए पदक जीते हैं। अब मैं अपनी जिंदगी में कुछ नया करना चाहती हूं।”
साक्षी मलिक के संन्यास से भारतीय कुश्ती को एक बड़ा नुकसान हुआ है। दोनों पहलवानों ने अपने करियर में भारतीय कुश्ती को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके संन्यास से भारतीय कुश्ती में एक खालीपन महसूस होगा।
हालांकि, साक्षी मलिक के संन्यास से भारतीय कुश्ती में नई पीढ़ी के पहलवानों के लिए अवसर भी पैदा हुए हैं। ये पहलवान साक्षी मलिक के पदचिन्हों पर चलते हुए भारतीय कुश्ती को और आगे बढ़ा सकते हैं।
Sakshi Malik अब पहलवान नहीं रहीं
भारतीय महिला कुश्ती की दो महान खिलाड़ियों में से एक साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने हाल ही में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास की घोषणा की है। दोनों पहलवानों ने भारतीय कुश्ती में कई उपलब्धियां हासिल की हैं और उनका नाम भारतीय खेल इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
साक्षी मलिक ने 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर भारत को कुश्ती में पहला ओलंपिक पदक दिलाया था। इसके अलावा उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में दो बार रजत पदक और तीन बार कांस्य पदक जीता है। विनेश फोगाट ने 2020 टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीता था। इसके अलावा उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में एक बार स्वर्ण पदक, दो बार रजत पदक और एक बार कांस्य पदक जीता है।
Reminder : None of these people have spoken a word for Sakshi Malik when she is fighting the toughest battle of her life. pic.twitter.com/u105sGAXKi
— Roshan Rai (@RoshanKrRaii) December 22, 2023
साक्षी और विनेश दोनों पहलवानों ने अपने करियर में कई चुनौतियों का सामना किया है। साक्षी को अपने करियर की शुरुआत में कई बार हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करते हुए आगे बढ़ती रहीं। विनेश ने अपने करियर की शुरुआत में कई चोटों का सामना किया, लेकिन उन्होंने भी हिम्मत नहीं हारी और वापसी करके सफलता हासिल की।
साक्षी और विनेश के संन्यास से भारतीय कुश्ती को एक बड़ा नुकसान हुआ है। हालांकि, दोनों पहलवानों ने अपने करियर में जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वह भारतीय कुश्ती के लिए एक प्रेरणा रहेंगी।
क्या हरियाणा से चुनाव लड़ेंगी Sakshi Malik?
भारतीय महिला कुश्ती की दिग्गज खिलाड़ी साक्षी मलिक ने हाल ही में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास का ऐलान किया है। उनके संन्यास के बाद से यह सवाल उठने लगा है कि क्या वह राजनीति में कदम रखेंगी।
साक्षी मलिक का जन्म उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में हुआ था। वह हरियाणा के सोनीपत जिले में रहती हैं। उनके परिवार का राजनीतिक इतिहास रहा है। उनके पिता सुखबीर मलिक एक पूर्व विधायक हैं।
साक्षी मलिक ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए कहा कि वह भविष्य में क्या करेंगी, इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह समाज के लिए कुछ करना चाहती हैं।
साक्षी मलिक के राजनीतिक सक्रिय होने की संभावना है। उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़ने की चर्चा है। भाजपा हरियाणा में चुनाव लड़ने के लिए साक्षी मलिक को एक मजबूत उम्मीदवार मानती है।
साक्षी मलिक के पक्ष में कई बातें हैं। वह एक लोकप्रिय खिलाड़ी हैं और उनके पास एक मजबूत ब्रांड है। उन्हें हरियाणा में युवाओं के बीच बहुत लोकप्रियता प्राप्त है।
हालांकि, साक्षी मलिक के खिलाफ भी कुछ बातें हैं। वह राजनीति में नए हैं और उनके पास कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है। उन्हें राजनीतिक विरोधियों से भी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
कुल मिलाकर, साक्षी मलिक के हरियाणा से चुनाव लड़ने की संभावना है। हालांकि, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि वह कब और किस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी।
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