Sonam Kapoor : सोनम कपूर ने पहनी 35 साल पुरानी साड़ी, जुड़ी हैं कई यादें, बताया क्यों खास है साड़ी
Sonam Kapoor : बॉलीवुड अभिनेत्री सोनम कपूर अब फिल्मों से दूर हैं। 2019 में, उन्होंने अंतिम बार सिनेमा में काम किया था। शादी और मातृत्व के बाद, वह फिल्म उद्योग से दूर चली गई और ज्यादा समय अपने परिवार के साथ लंदन में बिताने लगी हैं। एक्ट्रेस बार-बार भारत आती हैं। हाल ही में, उन्हें अपनी दोस्त की शादी में देखा गया।
इस दौरान, उन्हें बेहद खूबसूरत अवतार में देखा गया। उनकी लाल साड़ी ने लोगों का दिल जीता। हमेशा अपने फैशन से लोगों का दिल जीतने वाली सोनम कपूर ने एक बार फिर लोगों को तारीफें करने पर मजबूर कर दिया। अब आपको सोनम की उस साड़ी के बारे में बताएंगे जो उन्होंने हाल ही में कैरी की।
Sonam Kapoor ने पहनी पुरानी साड़ी
सोनम सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं और वह अपनी लाइफ अपडेट सोशल मीडिया पर साझा करती रहती हैं। उन्होंने इस लुक की तस्वीरें पोस्ट करके इस साड़ी से जुड़ी जानकारी भी साझा की।
इस साड़ी के बारे में बात करते हुए सोनम कपूर ने अपनी तस्वीरों के कैप्शन में इंस्टाग्राम पर लिखा, “मेरी माँ का 35 साल पुराना घरचोला पहनी…मुझे यह साड़ी और ब्लाउज उधार देने के लिए धन्यवाद माँ, आपकी अलमारी को देखना अच्छा लगा…क्या आप जानते हैं घरचोला क्या है और इसका महत्व क्या है? कमेंट सेक्शन में आपके उत्तर जानना पसंद करूंगी।”
सोनम कपूर ने बताया कि यह साड़ी 35 साल पुरानी है, जो उन्होंने अपनी मां से ली है। इसके साथ ही, सोनम ने एक सवाल भी किया है, जिसका जवाब उन्होंने दिया। इस विशेष साड़ी को ‘घरचोला’ कहा जाता है।
यह गुजरात की ट्रेडिशनल साड़ी है, जिसे लोग शादी जैसे अवसरों पर पहनते हैं। यह साड़ी एक बड़ा संकेत है, जो नई नवेली दुल्हनों को पसंद होता है। गुजराती ट्रेडिशन के अनुसार, इस साड़ी का खास महत्व है।
‘घरचोला’ शादी के तीसरे फेरे के बाद दुल्हन को उसकी सास द्वारा उपहार में दिया जाता है। यह परिवार के स्वागत और स्नेह का प्रतीक होता है। गुजराती शादियों में 4 फेरे होते हैं, पहले तीन फेरे होते हैं जहां परिवार के दुल्हन पक्ष के पुरुष उन्हें आशीर्वाद देते हैं। फिर ‘घरचोला’ दिया जाता है और चौथे फेरे के लिए दूल्हे के पिता आशीर्वाद देते हैं। बहुत सी गुजराती दुल्हनें अपनी शादी की पोशाक के साथ ‘घरचोला’ पहनती हैं। इसके अलावा, कई अन्य विशेष अवसरों पर भी यह पहनी जाती है, जैसे कि गणेश पूजा।