Vadodara : पिकनिक पर गए 12 छात्रों की झील में डूबकर मौत, 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
Vadodara : Vadodara, 20 जनवरी 2024: गुजरात के Vadodara शहर में स्थित हरणी झील में पिकनिक पर गए 12 छात्रों और दो शिक्षकों की डूबने से मौत हो गई। इस घटना में 7 लोग अभी भी लापता हैं। घटना गुरुवार सुबह हुई थी। Vadodara के एक स्कूल के 14 छात्र और 2 शिक्षक हरणी झील में बौटिंग करने गए थे। बौटिंग के दौरान बौट पलट गई और सभी लोग पानी में गिर गए।
घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग और पुलिस मौके पर पहुंची। दमकल विभाग के जवानों ने रेस्क्यू अभियान चलाया और 12 छात्रों और दो शिक्षकों के शवों को बरामद किया। 7 लोग अभी भी लापता हैं। पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनमें बौट का मालिक, ड्रायवर और 3 पर्यटक शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि बौट की क्षमता से अधिक लोगों को बैठाया गया था। इसके अलावा बौट में लाइफ जैकेट भी नहीं थी।
इस घटना के बाद Vadodara में शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 6 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। इस घटना से पता चलता है कि झीलों और नदियों में बौटिंग करते समय सुरक्षा के मानकों का पालन करना बहुत जरूरी है। बौट की क्षमता से अधिक लोगों को बैठाना और लाइफ जैकेट नहीं पहनना बहुत खतरनाक हो सकता है।
Vadodara के हरणी झील में बोटिंग के लिए गए थे स्टूडेंट
गुजरात के Vadodara शहर में स्थित हरणी झील में गुरुवार सुबह हुई बोट दुर्घटना में 12 छात्रों और 2 शिक्षकों की मौत हो गई थी। इस घटना में 7 छात्र अभी भी लापता हैं। घटना के बाद से यह सवाल उठ रहा है कि आखिर ये छात्र हरणी झील में बोटिंग के लिए क्यों गए थे?
इस सवाल का जवाब देने के लिए हमने Vadodara के कुछ स्कूलों के प्रिंसिपल और शिक्षकों से बात की। उनका कहना है कि हरणी झील Vadodara के आसपास के स्कूलों के लिए एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है। स्कूल अक्सर अपने छात्रों को यहां पिकनिक मनाने के लिए लेकर जाते हैं।
हरणी झील में बोटिंग के लिए जाने के लिए कोई अनुमति की आवश्यकता नहीं है। यहां कई बोटिंग एजेंसियां हैं जो लोगों को बोट किराए पर देती हैं। इन बोटिंग एजेंसियों के पास लाइफ जैकेट और अन्य सुरक्षा उपकरण होते हैं। हालांकि, कई बार ये बोटिंग एजेंसियां सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करती हैं। वे बोट की क्षमता से अधिक लोगों को बैठा देती हैं। इसके अलावा, वे लाइफ जैकेट नहीं पहनने देते हैं।
इस घटना में भी ऐसा ही हुआ था। बताया जाता है कि बोट में क्षमता से अधिक लोग बैठे थे। इसके अलावा, बोट में लाइफ जैकेट भी नहीं थी। इस घटना से यह भी पता चलता है कि देश में जल सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। सरकार को इन नियमों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है।
‘बोट में थे क्षमता से अधिक छात्र’
घटना के बाद से यह सवाल उठ रहा है कि आखिर बोट में क्षमता से अधिक छात्र क्यों बैठे थे? इस सवाल का जवाब देने के लिए हमने Vadodara के कुछ स्कूलों के प्रिंसिपल और शिक्षकों से बात की। उनका कहना है कि बोट की क्षमता के बारे में जानकारी बोट पर ही लिखी होती है। हालांकि, कई बार बोटिंग एजेंसियां इस जानकारी को नजरअंदाज कर देती हैं।
इस घटना में भी ऐसा ही हुआ था। बताया जाता है कि बोट की क्षमता 14 थी, लेकिन उसमें 16 लोग बैठे थे। इसके अलावा, बोट में लाइफ जैकेट भी नहीं थी। बोट की क्षमता से अधिक लोगों को बैठाना एक गंभीर चूक है। इससे बोट अनियंत्रित हो सकती है और दुर्घटना हो सकती है।
इस घटना के बाद गुजरात सरकार ने हरणी झील में बोटिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने सभी झीलों और तालाबों में बोटिंग के लिए सुरक्षा नियमों का पालन करने का निर्देश दिया है। इन नियमों में बोट की क्षमता से अधिक लोगों को बैठाने पर प्रतिबंध लगाना शामिल है। इसके अलावा, सभी यात्रियों को लाइफ जैकेट पहनना आवश्यक है। सरकार को इन नियमों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है। इससे बोटिंग करते समय होने वाली दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है।
आरोपियों के खिलाफ FIR, मुख्य आरोपी हिरासत में
घटना के बाद पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इनमें बोट का मालिक, ड्राइवर और स्कूल के दो शिक्षक शामिल हैं। FIR में आरोप है कि बोट की क्षमता से अधिक लोगों को बैठाया गया था। इसके अलावा, बोट में लाइफ जैकेट भी नहीं थी। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी, बोट के मालिक और ड्राइवर को हिरासत में लिया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में अन्य आरोपियों को भी जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
घटना के कारणों की जांच
घटना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बोट पलटने के क्या कारण थे। पुलिस के अनुसार, बोट में 16 लोग सवार थे, जबकि बोट की क्षमता केवल 12 लोगों की थी। इस कारण बोट ओवरलोड हो गई और पलट गई। इसके अलावा, मौसम भी खराब था, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। पुलिस ने बताया कि बोट में लाइफ जैकेट भी नहीं थीं। अगर लाइफ जैकेट होतीं, तो शायद कुछ लोगों की जान बच सकती थी।
सुरक्षा नियमों का उल्लंघन
पुलिस ने आरोप लगाया है कि इस घटना में सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया गया था। बोट में लाइफ जैकेट नहीं थीं और बोट ओवरलोड थी। इन दोनों कारणों से बोट पलट गई और लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि इस घटना से सबक लेकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
घटना के कारणों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बोट की क्षमता से अधिक लोगों को बैठाया गया था। इसके अलावा, बोट में लाइफ जैकेट भी नहीं थी। पुलिस का कहना है कि बोट का मालिक और ड्राइवर भी इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने बोट की सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा।
घटना के बाद गुजरात सरकार ने हरणी झील में बोटिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने सभी झीलों और तालाबों में बोटिंग के लिए सुरक्षा नियमों का पालन करने का निर्देश दिया है। इस घटना से यह भी पता चलता है कि देश में जल सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। सरकार को इन नियमों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है।